शुक्रवार, 6 मार्च 2015

दादू रंग भर खेलों पीव सौं

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू रंग भर खेलों पीव सौं, तहँ बाजै बैन रसाल ।
अकल पाट पर बैठा स्वामी, प्रेम पिलावै लाल ॥
दादू रंग भर खेलौं पीव सौं, सेती दीनदयाल ।
निसवासर नहिं तहँ बसै, मानसरोवर पाल ॥
दादू रंग भर खेलौं पीव सौं, तहँ कबहुँ न होइ वियोग ।
आदि पुरुष अन्तर मिल्या, कुछ पूरबले संयोग ॥
दादू रंग भर खेलौं पीव सौं, तहँ बारह मास बसंत ।
सेवग सदा आनन्द है, जुग जुग देखूँ कंत ॥

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