रविवार, 10 मई 2015

॥ श्री दादूदयालवे नम: ॥
२१४. अनन्य शरण । झूमरा ~
तुम्हारे नाम लाग हरि ! जीवन मेरा ।
मेरे साधन सकल नाम निज तेरा ॥ टेक ॥ 
दान पुन्य तप तीरथ मेरे, केवल नाम तुम्हारा ।
यह सब मेरे सेवा पूजा, ऐसा बरत हमारा ॥ १ ॥ 
यह सब मेरे वेद पुराणा, सुचि संयम है सोई ।
ज्ञान ध्यान येही सब मेरे, और न दूजा कोई ॥ २ ॥ 
काम क्रोध काया वश करना, ये सब मेरे नामा ।
मुक्ता गुप्ता परगट कहिये, मेरे केवल रामा ॥ ३ ॥ 
तारण तिरण नांव निज तेरा, तुमही एक आधारा ।
दादू अंग एक रस लागा, नांव गहै भव पारा ॥ ४ ॥ 
टीका ~ ब्रह्मऋषि सतगुरुदेव इसमें अनन्य शरण दिखा रहे हैं कि हे परमेश्‍वर ! आपके नाम - स्मरण में लगकर हम अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं । आपका निज कहिये, राम - नाम का स्मरण ही हमारे तो सम्पूर्ण साधनाओं में परम श्रेष्ठ साधना है । दान, पुण्य, तप, तीर्थ, सब कुछ हम तो केवल आपके नाम - स्मरण को ही मानते हैं । और सेवा, पूजा ये सब हम तो आपके नाम - स्मरण में ही देखते हैं । और यही हमारा तो व्रत है । आपका नाम - स्मरण ही हमारे तो वेद पुरानों का पठन - पाठन आदि है । बाहर भीतर की पवित्रता संयम, नेम आदि लेना, ये सब हमतो आपके नाम में ही देखते हैं । बहुत गुप्त या प्रकट जो भी कुछ है, सब आपके नाम - स्मरण में ही मानते हैं । तारने वाला और जिसके आसरे तैरिये, सब कुछ हमतो आपके निज राम - नाम को ही समझते हैं । आप ही हमारे सब प्रकार के आधार हैं । आपके नाम - स्मरण द्वारा ही आपके स्वरूप में एक रस हो रहे हैं । इस नाम को जो भी साधक निष्कामता - पूर्वक अन्तःकरण में ग्रहण करेंगे, वे ही संसार से पार होवेंगे ।

जिह्वे ! सदैव भज सुन्दराणि नामानि कृष्णस्य मनोहराणि । 
समस्त भक्तार्ति विनाशनानि गोविन्द दामोदर माधवेति ॥ 
जनार्दन जगद्वद्य शरणागतवत्सल । 
इहीरयन्ति ये मर्त्या न तेषां निरये गतिः ॥ 

My life is for the sake of Your Name, O Lord.
All my means are nothing by Your true Name.
Your Name alone is my charity, virtue,
penance and pilgrimage,
And this alone is my service and worship:
Such, indeed, is my vow.
My Vedas and holy scriptures, as well as purity
and discipline, are Your Name alone.
This alone is my knowledge and contemplation;
there is nothing else.
By the Name alone do I control lust and anger
and transcend bodily limitations.
Say it openly – concealed and revealed – God is my all.
Eternally redeemed and redeemer of all is Your Name;
You alone are my support.
Dadu has merged with it in perfect unison;
By holding to the Name, he has crossed
the ocean of the world.
(English translation from 
"Dadu~The Compassionate Mystic" 
by K. N. Upadhyaya~Radha Soami Satsang Beas)

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