सोमवार, 18 जनवरी 2016

= १८७ =

卐 सत्यराम सा 卐
दादू छूटे जीवतां, मूवाँ छूटे नांहि ।
मूवाँ पीछे छूटिये, तो सब आये उस मांहि ॥ 
मूवाँ पीछे मुक्ति बतावैं, मूवाँ पीछे मेला ।
मूवाँ पीछे अमर अभय पद, दादू भूले गहिला ॥ 
मूवाँ पीछे वैकुंठ वासा, मूवाँ स्वर्ग पठावैं ।
मूवाँ पीछे मुक्ति बतावैं, दादू जग बोरावैं ॥ 
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