卐 सत्यराम सा 卐
दादू एक बेसास बिन, जियरा डावांडोल ।
निकट निधि दुःख पाइये, चिंतामणि अमोल ॥
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साभार ~ दिव्य प्रेम
बाबाओं के चमत्कार का राज
अपना मन हाँ, अपना मन असली काबिले तारीफ़ है, और नाम होता है बाबाओं का | जबकि तारीफ़ करनी चाहिए अपने मन की | बड़ा बेईमान है यह मन खुद कितना भी आश्वाशन मिले किन्तु यह विश्वाश करने के लिए तैयार नहीं है अपने ऊपर किन्तु कोई बाबा कह दे तो झट पाँव पकड़ता है बाबा का | आप अपनी कोई समस्या ले के जाते हैं बाबा के पास और बाबा कहतें है तुम्हारा तकलीफ दूर होगा और आप खुशी खुशी आतें है घर कुछ दिन के बाद पातें है समस्या गायब है |
त्रैलंग स्वामी ~
दैनिक जीवन में करने लायक प्रयोग
संकल्प : यह है चमत्कार का मूल - संकल्प | आपके मन की संकल्प शक्ति जितनी प्रबल होगी जीवन में परमात्मा का चमत्कार अधिक से अधिक घटित होगा |
आप रात में सुबह उठने के लिए पांच दस बार मन में संकल्प करें की आज मैं प्रात: इतने बजे उठ जाऊंगा और चमत्कार होगा आप उतने समय में हीं जाग जायेंगे | है तो यह छोटा सा प्रयोग हीं और आप में से अधिक लोगों को इसका ज्ञान भी होगा | किन्तु यह प्रयोग बार बार करने के बाद आपका मन विश्वाश में डूबने लगेगा | और मन में विश्वाश आया की आप संकल्प से पहाड़ भी चूर कर सकतें हैं बस जरूरत होगी दृढ संकल्प की |
आप कोई धागा अपने कमरे में लटका लें जहाँ हवा बिलकुल शांत हो और मन में संकल्प करें की धागा हिलने लगे आप पाएंगे की धागा हिलने लगा है | ये छोटे छोटे प्रयोग हैं | इनको करने के बाद आपके मन का विश्वाश बढ़ेगा और मन का विश्वाश अपने पुरे उफान पर आया नहीं की पूरी दुनिया आपके मुठ्ठी में |
ध्यान : ध्यान करें सुबह शाम प्रारम्भ में दस दस मिनट | ध्यान का अर्थ किसी भी चीज का ध्यान नहीं बल्कि मन हीन दिमाग | आपका मन शून्य रहे | आरम्भ में शारीर के भीतर की गति विधियों पर मन को लगाएं जैसे शरीर के भीतर की आवाज पर, अपने सांसो पर अपने हृदय के पास | फिर मन को शून्य करने की कोशिश करें | आप पायेंगे आपके जीवन में चमत्कार घटित होना शुरू हो गया है |
मन की शक्ति को कीजिए | आपके ढेरों रोग समाप्त हो सकतें है सिर्फ मन में विश्वाश पैदा कर के हाँ लेकिन मन में .099% संदेह भी न हो पूर्ण 100% विश्वाश होनी चाहिए मैं एक बार फिर कह दूं मन में तिल मात्र भी संदेह न हो तब हीं यह घटित होगा नहीं तो रोग के लिए दवा लें | कोई बाबा के कहने पर जब आपका रोग खत्म होता है तो आपके मन में तिल मात्र भी संदेह नहीं होता और आपका रोग गायब हो जाता है |
और भी कई चमत्कारों के पीछे का राज भी यही है मन | भौतिक पदार्थों को आपका मन नित्य दिन के जीवन में खींचता रहता है आपका मन सुख को खिचता है और दुःख को भी | आपके जीवन में घटित होने वाले सुख दुःख के कारण आप हैं और आपका मन | इस उक्ति का गहन जांच करें मनन करें सत्य सामने आ जायेगा |
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