🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
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*= नाम-अष्टक(ग्रन्थ २०) =*
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*जे कछू ऊपजे ब्याधि हू आघवे ।*
*दूरि तूं ही करै सर्व जे बाघबे ॥*
*बैद्य तूं औषधि सिद्ध तूं साधवे ।*
*माधवे१ माधवे माधवे माधवे ॥३॥*
हे माधव ! इस संसार में प्राणियों को जो भी आधि(मानसिक रोग), व्याधि(शारारिक रोग), या विघ्न-बाधाएँ उपस्थित होती हैं उन सबका नाश करने में एकमात्र आप ही समर्थ हैं । वस्तुतः उन रोगों के लिये वैद्य(चिकित्सक) भी आप ही हैं, औषधि(दवा) भी आप ही हैं, सिद्ध-साधक भी आपके ही सहारे भव-रोगों से दूर रहने में समर्थ हो पाते हैं ।(उस दूर रहने में उनकी अपनी शक्ति कुछ नहीं है) ॥३॥
(क्रमशः)

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