🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
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*= राम-अष्टक(ग्रन्थ १९) =*
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*इन्द्र आज्ञा लियें करत नहिं और जी ।*
*मेघ वर्षा करैं सर्ब्ब ही ठौर जी ॥*
*सूर शशि फिरत है आठ हूँ जाम जी ।*
*तुम सदा एक रस रामजी रामजी ॥४॥*
इन्द्र यद्यपि तीनों लोकों स्वामी है, परन्तु वह भी आपकी आज्ञा के विपरीत कुछ नहीं कर सकता । आपकी ही आज्ञा से मेघ सभी जगह(जल- स्थल में) वर्षा करते हैं । इसी तरह सूर्य और चन्द्रमा आपकी आज्ञा से ही जगत् को आठों पहर(दिन रात) क्रमशः प्रकाशित करते रहते हैं । इतने पर भी आप अपना तटस्थ भाव स्थायी रूप से बनाये रखते हैं ॥४॥
(क्रमशः)

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