🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
https://www.facebook.com/DADUVANI
.
*= राम-अष्टक(ग्रन्थ १९) =*
.
*देव अरु दानवा यक्ष ऋषि सर्ब्ब ही जी ।*
*साथ अरु सिद्ध मुनि हौंहि निहगर्ब्ब जी ।*
*शेष हू सहस्त्रमुख भजत निष्काम जी ।*
*तुम सदा एक रस रामजी रामजी ॥५॥*
देव और दानव(राक्षस), यक्ष, सभी ऋषि-मुनि, साधु और सिद्ध लोग भी आप के भी से ही अपने-अपने कर्तव्य में बिना किसी अभिमान के लगे रहते हैं । हजारमुखों वाले शेषनाग भी निष्काम भाव से आपका नाम-जप करते हुए अपना कर्तव्य(पृथ्वी-भार धारण) पूर्ण करते हैं । इतने प्रभाव-शाली होते हुए भी आपकी तटस्थता में कोई अन्तर नहीं आता ॥५॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें