🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
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*= सहजानन्द(ग्रन्थ २७) =*
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*= सद्गुरु उपदेश चर्चा = चौपाई =*
*(तौ) और अचंभा सुनियहु भाई ।*
*जो मुहि सतगुरु दिया बताई ।*
*सहजे नाम निरंजन लीजै ।*
*और उपाइ कछू नहिं कीजै ॥७॥*
आप लोगों को एक और आश्चर्यजनक उपदेश, जो मेरे सतगुरु ने मुझको कृपा करके दिया है, सुनाता हूँ । उन्होंने बताया है कि हे शिष्यो ! भगवत्प्राप्ति के लिए उसका सहज(स्वभावतः किसी साधन द्वारा नहीं) नामजाप ही एक मात्र उपाय(मार्ग, विधि) है, और कोई नहीं ॥७॥
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*सहजैं ब्रह्म अगनि पर जारी ।*
*सहज समाधि उनमनी तारी ।*
*सहजैं सहज राम धुनि होई ।*
*सहजहिं माँहिं समावै सोई ॥८॥*
मैंने सब कर्मों का त्याग कर सहज ब्रह्म ज्ञानरूपी अग्नि के द्वारा सभी प्रारब्ध कर्मों की भस्म(निष्फल) कर दिया है । अब मैंने निरंतर सहज समाधि उन्मनि(उदासीनता) की साधना कर ली है । उसमें बिना किसी साधन(माला आदि)के सहारे राम नाम का जप(ध्वनि) होती रहती है । इस सहज समाधि का लाभ यह है कि हम अन्त में सहज(ब्रह्म)में लीन हो जाँयगे ॥८॥
(क्रमशः)
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