रविवार, 7 जनवरी 2018

= सहजानन्द(ग्रन्थ २७-१९/२०) =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
https://www.facebook.com/DADUVANI
.
*= सहजानन्द(ग्रन्थ २७) =*
.
*= सहज साधना का महत्त्व = चौपाई =*
*(तौ) सहज निरंजन सब मैं सोई ।*
*सहजै संत मिलै सब कोई ॥*
*सहजैं शंकर लागे सेवा ।*
*सहजैं सनकादिक शुकदेवा ॥१९॥*
सहज समाधि से ही सर्वव्यापक निरञ्जन की प्राप्ति हो सकती है । सभी सन्तों को सहज समाधि से तत्वज्ञान प्राप्त हुआ है । इसी तरह योगीश्वर शंकर भी सहज समाधि से भगवच्चिन्तन में सतत लगे रहते हैं । यही स्थिति सनक, सनन्दन, सनातन, सनत्कुमार एवं शुकदेव की है ॥१९॥
.
*सहजैं शेष१ भयौं लै लीना ।*
*सहजैं हनूमान तत्त चीन्हा ॥*
*सहजैं ध्रुव कीनौं अहलादा ।*
*सहज सुभाव ग्रह्यौ प्रहलादा ॥२०॥*
(१. शेष=शेषजी भगवान के बड़े भक्त माने जाते हैं । विष्णु सदा उन पर शयन करते रहते हैं ।) इसी सहज समाधि से शेष, हनुमान आदि भक्त अपने आराध्य में लीन रहे हैं, और तत्व को प्राप्त कर सके हैं । इसी सहज साधना से ध्रुव, प्रहलाद आदि भक्तों ने प्रेमपूर्वक भगवत्सेवा की है ॥२॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें