बुधवार, 31 जनवरी 2018

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🌷🙏#daduji🙏🌷
🌷🙏卐 सत्यराम सा 卐🙏🌷
*दादू जहाँ जगद्गुरु रहत है, तहाँ जे सुरति समाइ ।*
*तो इन ही नैनहुँ उलट कर, कौतुक देखै आइ ॥* 
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साभार ~ oshoganga.blogspot.com 
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साधक जब देखता है तो जो दिखाई पड़ रहा है उस पर उसका ध्यान नहीं होता। जो द्रष्टा है,जो देख रहा है साधक का ध्यान उस पर होता है। देखते क्षण दृश्य नहीँ द्रष्टा पर ध्यान, भोजन करते क्षण जिसका स्वाद आ रहा है उस पर ध्यान नहीँ, वरन जो स्वाद ले रहा है उस पर ध्यान, चलते क्षण, उठते क्षण, बैठते क्षण, जीवन की समस्त क्रियाओँ में उस चैतन्य का स्मरण जिसके आस-पास ये सारी क्रियाएं घटित हो रही हैँ।
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इस निरंतर स्मरण को भारतीय मनीषा में विवेक-साधना कहा गया है। जो निरंतर उसका स्मरण रखेगा जो भीतर है, उसका नहीँ जो दिखाई दे रहा है; क्रमशः उसमें रुपांतरण होगा। रुप की जगह रुप को देखने वाला अनुभव में आने लगेगा। निरंतर स्मृति, निरंतर के स्मरण - उठते-बैठते सतत प्रत्येक क्षण की जागरुकता से मनुष्य इंद्रियोँ के उपयोग के साथ भी इंद्रियोँ से मुक्त हो जाता है - दृश्य विलीन हो जाते हैँ, द्रष्टा का साक्षात होने लगता है।
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इंद्रियोँ का बहिर्गमन विलीन हो जाता है, इंद्रियां निरुद्ध हो जाती हैँ। इंद्रियोँ को दृश्य से, 'पर' से मुक्त कर देना है। उस अतींद्रिय स्थिति में आत्मा का अनुभव होता है। इंद्रियों की उपस्थिति में केवल पदार्थ का अनुभव होता है। इंद्रियोँ को दृश्य से मुक्त करना, इतनी ही साधना है। इतनी साधना जिसके जीवन में प्रविष्ट हो, उसके जीवन में एक क्षण आएगा कि उसके भीतर विस्फोट होगा और वह उसे अनुभव कर पाएगा जो वह है। जो वह है कोई दूसरा नहीँ बता सकता।
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प्रत्येक को अपना मार्ग स्वयं स्व-चेष्टा से, स्व-साधना से पूरा करना होता है।
धर्म अत्यंत वैयक्तिक है। अकेले स्वयं के साथ करना होगा - न कोई सहयोगी है, न कोई संगी-साथी है। जब न कोई मंत्र है, न तंत्र है, न कोई स्मरण है, न कोई विचार है, न कोई रुप है, न कोई गंध है, इंद्रियोँ से उपलब्ध कुछ भी नहीँ है, अकेली मनुष्य की सत्ता मात्र रह गई; वहीँ है क्रांति, जहां मनुष्य परमात्मा से संयुक्त हो जाता है। 
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ये संयोग मनुष्य को कृतार्थता, आनंद, अनुभूति, प्रेम और शांति से भर देता है। इस अनुभव के बाद जीवन में सारे फूल खिलते हैँ - सत्य के, अहिँसा के, ब्रह्मचर्य के। आत्मा का अनुभव होते ही ये फूल स्वयमेव खिल जाते हैँ। नीति धर्म का परिणाम है। सदाचार सद-अनुभव का परिणाम है।

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