🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
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*= सहजानन्द(ग्रन्थ २७) =*
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*शास्त्रोक्त अन्य कर्मों का निषेध = चौपाई =*
*ना मैं मेघडंबर भीजौं ।*
*शीतकाल जल मैं नहिं छीजौं ॥*
*ना मैं सिर परि करवत सारौं ।*
*ना मैं नींद भूख तिस मारौं ॥१३॥*
न मैं वर्षा में खड़े होकर जल में आराधना करता हूँ, न सरदी में ठंडे जल में खड़े होकर । न काशी जाकर तत्वप्राप्ति हेतु करवत द्वारा आत्महत्या की सोचता हूँ, न नींद, भूख, प्यास आदि सहकर शरीर को कष्ट देते हुए तामस तप की इच्छा करता हूँ ॥१३॥
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*देह कष्ट२ मैं करौं न कोई ।*
*सहजैं सहजैं होइ सु होई ॥*
*ना मैं पंचा अग्नि जलाऊं ।*
*जारौं राज पाट कछु पाऊँ ॥१४॥*
(२. देह कष्ट = इसका शास्त्र में निषेध है । “कर्षयन्तः शरीरस्थं भूतग्राम सचेतसः ।” - भ० गीता ।)
मैं लक्ष्यप्राप्ति के निमीत्त शरीर को कष्ट देने वाली कोई साधना नहीं करता । बस, सहज समाधि से रामनाम के जप में ही अपना कल्याण समझता हूँ । मैं इसके लिये पंचाग्नि तप भी करना जरूरी नहीं समझता; क्योंकि मुझे बहुत बड़े राजपाट की तो आवश्यकता नहीं ॥१४॥
(क्रमशः)
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