#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी*
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*विनती का अँग ३४*
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ज्यों आपै देखे आपको, सो नैना दे मुझ ।
मीरां१ मेरा मेहर२ कर, दादू देखे तुझ ॥२०॥
मेरे स्वामिन्१ ! जैसा सच्चिदानन्द आपका स्वरूप है, उसको हम वैसा का वैसा देख सकें, कृपा२ करके ऐसे ही ज्ञान - नेत्र हमें प्रदान कीजिये । क्योंकि मैं निरँतर आपको ही देखना चाहता हूं ।
(क्रमशः)
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