शनिवार, 30 मार्च 2019

= विनती का अँग(३४ - २१) =

#daduji

॥ दादूराम सत्यराम ॥ 
*श्री दादू अनुभव वाणी* 
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥ 
*विनती का अँग ३४*
*करुणा*
दादू पछतावा रह्या, सके न ठाहर लाइ ।
अर्थ न आया राम के, यहु तन योंही जाइ ॥२१॥
साधन प्रमाद का खेद दिखा रहे हैं - अहो ! हमें यह पश्चात्ताप ही रह गया कि - बुद्धि आदि के सँघात रूप शरीर को राम की भक्ति रूप कार्य में लगाकर, अपने आत्मा को परमात्मा रूप निज धाम में नहीं पहुँचा सके । अत: यह मानव तन व्यर्थ ही जा रहा है ।
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें