मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

(हनुमान चालीसा - १९)

🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷

🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*शूरा होइ सुमेर उलंघै,*
*सब गुण बँध्या छूटै ।*
*दादू निर्भय ह्वै रहे,*
*कायर तिणा न टूटै ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ शूरातन का अंग)*
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*राम नाम लेखन कला संयोजन* ~ Shobha Jayprakash Atal
(हनुमान चालीसा - १९)
*प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि,*
*जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥१९॥*
अर्थ - आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुंह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।

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