शनिवार, 13 अप्रैल 2019

= विनती का अँग(३४ - ३२) =

#daduji

॥ दादूराम सत्यराम ॥ 
*श्री दादू अनुभव वाणी* 
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥ 
*विनती का अँग ३४* 
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*परिचय करुणा विनती* 
गलै१ विलै२ कर बीनती, एकमेक अरदास । 
अरस परस करुणा करै, तब दरवै दादू दास ॥३२॥ 
३२ - ३३ में करुणा पूर्वक परिचयार्थ विनय की विशेषता बता रहे हैं - जब प्राणी परमात्मा का प्रत्यक्ष दर्शन करने के लिए व्यथित होता है और भगवत् प्रेम में चित्त को लय१ और लीन२ करके जन्मादि दु:ख निवृत्ति के लिए विनय करता है तथा परब्रह्म में अभेद होने के लिए प्रार्थना करता है, तब परमात्मा भक्त पर कृपा३ करते हैं ।
(क्रमशः)

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