रविवार, 7 अप्रैल 2019

(हनुमान चालीसा - १५)

🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷

🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*दादू मेरा एक मुख,*
*कीर्ति अनन्त अपार ।*
*गुण केते परिमित नहीं,*
*रहे विचार विचार ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ हैरान का अंग)*
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*राम नाम लेखन कला संयोजन* ~ Shobha Jayprakash Atal
(हनुमान चालीसा - १५)
*जम कुबेर दिगपाल जहां ते,*
*कबि कोबिद कहि सके कहां ते॥१५॥*
अर्थ - यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।

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