🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🙏 *#श्रीदादूअनुभववाणी* 🙏
*द्वितीय भाग : शब्द*, *राग गौड़ी १, गायन समय दिन ३ से ६*
साभार ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, राज. ॥
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*द्वितीय भाग : शब्द*, *राग गौड़ी १, गायन समय दिन ३ से ६*
साभार ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदासजी महाराज, पुष्कर, राज. ॥
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८५ - (फारसी) शँखताल
सँइयाँ१ तूँ है साहिब मेरा, मैं हूं बन्दा२ तेरा ॥टेक॥
बन्दा३ वरदा४ चेरा५ तेरा, हुक्मी मैं बेचारा६ ।
मीराँ७ महरवान८ गुसांई, तूँ सिरताज हमारा ॥१॥
गुलाम१७ तुम्हारा मुल्ला९ जादा१०, लौंडा११ घर का जाया ।
राजिक१२ रिजक१३जीव तैं दिया, हुक्म तुम्हारे आया ॥२॥
शादील१४ बै१५ हाजिर बन्दा, हुक्म तुम्हारे माँहीं ।
जब ही बुलाया तब ही आया, मैं मेवासी१६ नाँहीं ॥३॥
खसम हमारा सिरजनहारा, साहिब समर्थ साँई ।
मीराँ मेरा महर मया कर, दादू तुम ही ताँई ॥४॥
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हे परमेश्वर ! आप मेरे स्वामी हैं और मैं आपका दास२ हूं आपका जन३ हूं,
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आपकी आज्ञा में चलने वाला दास४ और दीन६ सेवक५ हूं । स्वामिन् ! आप हमारे शिरोमणि दयालु८ सरदार७ हैं और...
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मैं विद्वान्९ के घर जन्मा१० हुआ, आपका मोल१७ लिया हुआ नौकर हूं, वो आपके घर का जन्मा बालक११ हूं । हे जीविका१२ देने वाले ईश्वर ! आपने ही मुझे जीविका१३ और जीवन दिया है । आपकी ही आज्ञा से मैं सँसार में आया हूं ।
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आप चाहे बेचें१५ वो पास रक्खें, मैं दास तो आपकी आज्ञा में ही प्रसन्न१४ हूं । जब भी आपने बुलाया, तब ही मुझे आपकी सेवा में आया हुआ ही समझो, मैं अपने को बड़ा१६ समझने वाला नहीं हूं ।
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प्रभो ! सृकर्ता समर्थ परमेश्वर ! आप ही हमारे स्वामी हैं । मेरे सरदार ! दया करो, दया करो, मैं तो आपकी सेवा के लिए ही हूं ।
(क्रमशः)

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