मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

= सुन्दर पदावली(७. कविता लक्षण. ३) =

#daduji
॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली*
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी,
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान)
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*= (७. कविता लक्षण. ३) =*
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*गणों के देवता और फल* 
*मनहर* 
*सब गुर मन लघु आदि गल भय जांनि,* 
*सत इस अन्त लेहु मध्य जर मानिये ।* 
*भूमि नाक चन्द तोय वायु सो गगन सूर,* 
*अगनि हु आठ यह देवता बषानिये ॥* 
*लक्षमण बुद्धि जस भय आयु भ्रमन स,* 
*तरु बंशनाश रोग जर मृत्यु ठानिये ।* 
*अष्ट गन नाम अरु देवता समेत फल,* 
*सुन्दर कहत या कवित्त मैं प्रमानिये ॥३॥* 
१.मगण : तीनों गुरु ऽऽऽ । पृथ्वी देवता । लक्ष्मी : फल । 
२.नगण : तीनों लघु । । ।, स्वर्ग देवता । बुद्धि : फल । 
३.भगण : आदि गुरु, दो लघु, चन्द्र देवता । यश : फल । 
४.यगण : आदि लघु, दो गुरु, जल देवता । आयु : फल । 
५.सगण : दो लघु, अन्त्य गुरु, वायु देवता । भ्रमण(विदेश गमन) : फल ।
(क्रमशः)

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