🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 *卐 सत्यराम सा 卐* 🇮🇳🙏🌷
*दादू महा जोध मोटा बली, सो सदा हमारी भीर ।*
*सब जग रूठा क्या करै, जहाँ तहाँ रणधीर ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ शूरातन का अंग)*
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*राघवयादवीयम्* ~ लेखक *श्री वेंकटाध्वरी*
साभार सौजन्य ~ मुदित मिश्र विपश्यी(हिंदी/अंग्रेजी अनुवाद)
अंग्रेजी अनुवाद ~ डा. सरोजा रामानुजम, M.A., Ph.d, Siromani in Sanskrit
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(२५)
*श्री रामलीला*(अनुलोम)
हंसजारुद्धबलजापरोदारसुभाजिनि ।
राजिरावणरक्षोरविघातायरमारयम् ॥२५॥
हंसज, यानि सुर्यपुत्र सुग्रीव, के अपराजेय सैन्यबल की महती भूमिका ने राम के गौरव में वृद्धि कर रावण वध से विजयश्री दिलाई ॥२५॥
To that Rama, whom the victory crowned due to killing of Ravana, greater glory came from the mighty army of sugriva. (25)
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(२५)
*श्री कृष्णलीला*(विलोम)
यं रमारयताघाविरक्षोरणवराजिरा ।
निजभासुरदारोपजालबद्धरुजासहम् ॥२५॥
उस कृष्ण के हिस्से निर्मल विजयश्री की ख्याति आई जो बाणों की वर्षा सहने में समर्थ हैं, जिनका तेज युद्धभूमि को असुर-विहीन करने से चमक रहा है, उनका स्वाभाविक तेज देवताओं पर विजय से दमक उठा ॥२५॥
To Krishna, who is capable of enduring the onslaught of arrows, whose glory, pure and shining with the destruction of asuras came in the form of rama, jayalakshmi, by defeating the devas. (25)
(क्रमशः)
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