गुरुवार, 7 नवंबर 2013

= शूरातन का अंग २४ =(१९/२०)


॥ दादूराम सत्यराम ॥
*"श्री दादूदयाल वाणी(आत्म-दर्शन)"*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*शूरातन का अंग २४*
*जीवत मृत्तक* 
*राम कहेगा एक को, जे जीवित - मृतक होइ ।* 
*दादू ढूंढे पाइये, कोटि मध्ये कोइ ॥१९॥* 
टीका ~ हे जिज्ञासुओं ! जीवित मृतक कहिये, देह अध्यास से मुक्त होकर, निष्काम भाव से करोड़ों मनुष्यों में कोई एक - आध अनन्य ईश्‍वर का भक्त ही राम का स्मरण करेगा, और वह भी ढूंढने से ही प्राप्त होगा ॥१९॥ 
साहिब सबका मीत है, साहिब का कोई एक । 
नानक लक्खों में नहिं, कोटे मध्ये देख ॥ 
*शूर सती साध निर्णय* 
*शूरा पूरा संत जन, सांई को सेवै ।* 
*दादू साहिब कारणै, सिर अपना देवै ॥२०॥* 
टीका ~ हे जिज्ञासुओं ! पूरे सच्चे शूरवीर अनन्य भक्त, परमेश्‍वर की भक्ति करते हैं । वह परमेश्‍वर प्राप्ति के लिये अपना मस्तक भी देने को तत्पर रहते हैं ॥२०॥ 
हरिजन हेतम सारिखा, सती सूर कोई एक । 
जगजीवन माथा दिया, रही नाम की टेक ॥ 
दृष्टान्त ~ हेतम की माता नूरां बड़ी सखी थी । वह प्रतिदिन एक बेहद्दी महात्मा गुरुदेव का सत्संग करने जाया करती थी । हेतम भी बचपन से उनके साथ जाते और संतों को नमस्कार करते । यह बड़े होने पर बड़े दानी हुए । साधु संतों की बड़ी सेवा करते थे । माता का इनको उपदेश था कि हे हेतम ! खुदा के लिये तेरा कोई सिर भी मांग ले, तो दे देना । संत इसको हेतम बादशाह कहने लगे । दुनियां ने भी इसी नाम से पुकारना शुरू कर दिया । 
बादशाह ने हेतम को बुलाया और कहा तुम अपने आपको बादशाह मत कहलाओ । ‘मैं कब कहलाता हूँ ? अपने आप ही कहते हैं ।’ बादशाह ने सुना कि वह खुदा के लिये सिर भी दे सकता है, ऐसा दानी है । तब तो बादशाह मंत्री को बोला ~ तुम संत का रूप बनाकर जाओ और हेतम से कहो, हम तेरा सिर लेने आये हैं, खुदा के नाम पर । मंत्री हेतम के यहॉं गया और हेतम ने आकर नमस्कार किया संत रूप को । 
हेतम ~ सेवा करने की आज्ञा देओ । संत - तुम्हारा सिर चाहिये खुदा के नाम पर । हेतम ने मां से पूछा । मां बोली ~ पुत्र दे दो । हेतम आकर बोला ~ मैंने कच्चा दूध पिया है । अपने हाथ से अपना सिर काटने में मुझे दहशत होती है, आप मेरा सिर काट लें । मंत्री चकित हो गया । बादशाह को जाकर बोला ~ हेतम का सिर काटने को कोई संसार में पैदा नहीं हुआ । उपरोक्त वृत्तान्त सब सुना दिया । बादशाह भी चकित हो गया ।
(क्रमशः)

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