परमगुरु ब्रह्मर्षि श्री दादूदयाल जी महाराज की अनुभव वाणी
बुधवार, 20 नवंबर 2013
दादू- सबै दिशा सो सारिखा
दादू- सबै दिशा सो सारिखा, दिन दिन अधिक स्नेह । दिन दिन पीवै रामरस, दिन दिन दर्पण देह ॥ दादू दिन दिन भूलै देह गुण, दिन दिन इंद्रिय नाश । दिन दिन मन मनसा मरै, दिन दिन होइ प्रकाश ॥
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