卐 सत्यराम सा 卐
साभार ~ Anitha Rajesh
Good morning..... :))))))))
“Truth can not be suppressed and always is the ultimate victor."
-the Yajur Veda
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दादू साचा साहिब सेविये, साची सेवा होइ |
साचा दर्शन पाइये, साचा सेवक सोइ ||१४९||
टीका ~ हे जिज्ञासुओं ! निराकार ब्रह्म की निष्काम भाव से उपासना रूपी सेवा कीजिए | तब सच्ची भक्ति होगी | इस प्रकार आराधना करने वाला भक्त ही परमात्मा का सच्चा स्वरूप है ||१४९||
‘‘जं सच्चं तं भगवं’’ - जिनवाणी (सत्य ही भगवान् है = सत्यराम) God is truth, truth is God. - बाइबिल
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साचे का साहिब धणी, समर्थ सिरजनहार |
पाखंड की यहु पृथ्वी, प्रपंच का संसार ||१५०||
कहै दादू जन जो कृत धारै, भलो बुरो फल ताही लारै |
झूठा परगट साचा छानै, तिन की दादू राम न मानै ||१५१||
टीका ~ हे जिज्ञासुओं ! सांसारिक वाचक पंडित, शास्त्र के सत्य अर्थ को तो छिपाते हैं और आख्यान पूर्वक माया में प्रवृत्ति कराने वाले विविध अर्थ बनाकर लोक - रंजन करते रहते हैं, परन्तु ऐसे साधनों से परमेश्वर प्रसन्न नहीं होता | संत तो भक्ति को भी छिपा कर रखते हैं, तथापि संसारीजन मूर्ति पूजा, तीर्थ, व्रत, सकाम कर्मों को प्रकट कहिए, लोक दिखावे में करते हैं | इसलिये संसारीजनों की सेवा को परमेश्वर स्वीकार नहीं करते हैं | परमेश्वर के यहाँ सच्चे पुरुषों की सेवा स्वीकार होती है ||१५०/१||
(श्री दादू वाणी ~ साँच का अंग)
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