मंगलवार, 7 जनवरी 2014

अविनाशी साहिब सत्य है


卐 सत्यराम सा 卐 
अविनाशी साहिब सत्य है, जे उपजै विनशै नांहि । 
जेता कहिये काल मुख, सो साहिब किस मांहि ॥ 
सांई मेरा सत्य है, निरंजन निराकार । 
दादू विनशै देखतां, झूठा सब आकार ॥

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