शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

जे बोलैं तो चुप कहैं


卐 सत्यराम सा 卐 
जे बोलैं तो चुप कहैं, चुप तो कहैं पुकार । 
दादू क्यों कर छूटिये, ऐसा है संसार ॥ 
न जाणूं, हॉंजी, चुप गहि, मेट अग्नि की झाल । 
सदा सजीवन सुमिरिये, दादू बंचै काल ॥

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