सोमवार, 23 जून 2014

= बिनती का अंग ३४ =(२१ख)

#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*#श्रीदादूदयालवाणी०आत्मदर्शन*
टीका ~ महामण्डलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ पंडित श्री स्वामी भूरादास जी
साभार विद्युत संस्करण ~ गुरुवर्य महामंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमाराम जी महाराज
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*बिनती का अंग ३४*
*करुणा* 
*सो कुछ हम थैं ना भया, जा पर रीझे राम ।* 
*दादू इस संसार में, हम आये बेकाम ॥२१ख॥* 
टीका ~ हे जिज्ञासुओं ! हरि - स्मरण, सत्संगति जो सुकृत हैं, जिनके करने से प्रभु प्रसन्न होते हैं, सो तो हमारे से हुआ नहीं क्योंकि जड़ बुद्धि होने से किया नहीं ? इस लोक में हमारा मनुष्य - जन्म वृथा ही जा रहा है ॥२१ख॥
(क्रमशः)

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