शनिवार, 28 जून 2014

सब कुछ व्यापै राम जी

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐 

सब कुछ व्यापै राम जी, कुछ छूटा नांही ।
तुम तैं कहाँ छिपाइये, सब देखो मांही ॥ 
सबल साल मन में रहै, राम बिसर क्यों जाइ ।
यहु दुख दादू क्यों सहै, साँई करो सहाइ ॥
राखणहारा राख तूँ, यहु मन मेरा राखि ।
तुम बिन दूजा को नहीं, साधू बोलैं साखि ॥ 
माया विषय विकार तैं, मेरा मन भागे ।
सोई कीजे साँईयाँ, तूँ मीठा लागे ॥

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