रविवार, 24 अगस्त 2014

*सीकरी प्रसंग सप्तम दिन*

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#श्रीदादूवाणी०प्रवचनपद्धति* 🌷
https://www.facebook.com/DADUVANI
साभार ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
.
*सीकरी प्रसंग सप्तम दिन*
.
सातवें दिन बादशाह ने कहा - गत दिन व्यसन सम्बन्धी प्रसंग आपने कहा था, वह तो मेरे समझ मे आ गया है, अब शेष व्यसन संबन्धी प्रसंग कहने की कृपा करें । तब दादूजी ने कहा -
*कहे कहे क्या होत है, कहे न सीझे काम ।*
* कहे कहे क्या पाइये, जब लग हृदय न आवे राम ॥*
(सांच अंग १३, ६८ से ७०)
.
उक्त साखियों से उपदेश करके कहा - केवल कहने से ही क्या होता है । लाभ तो धारण करने से होता है । यह सुनकर अकबर बादशाह ने कहा - आप आज्ञा दीजिये वही करूंगा । तब दादूजी ने कहा - आप अपने राज्य मे गोवध बन्द कर दो । तब ही गत दिन का उपदेश सार्थक समझा जायगा ।
.
अकबर बादशाह ने कहा - अच्छी बात है, अब गोवध बन्द करने की आज्ञा देता हूँ मेरे राज्य में अब गोवध नहीं होगा । अकबर ने कहा -
खुदा कदम की सौंह मुझ, गोवध होय न देश ।
दादू आप जु पीर हो, मैं तब चरणों पेस ।
दादूजी ने शेष व्यसनों का भी निषैध करके सत्संग समाप्त किया ।
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें