गुरुवार, 6 नवंबर 2014

#daduji 
काल कीट तन काठ को, जरा जन्म को खाइ ।
दादू दिन दिन जीव की, आयु घटंती जाइ ॥
काल गिरासे जीव को, पल पल श्वासैं श्वास ।
पग पग मांहि दिन घड़ी, दादू लखै न तास ॥ 
पाव पलक की सुधि नहीं, श्वास शब्द क्या होइ ।
कर मुख मांहि मेलतां, दादू लखै न कोइ ॥ 
दादू काया कारवीं, देखत ही चल जाइ ।
जब लग श्वास शरीर में, राम नाम ल्यौ लाइ ॥

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