रविवार, 9 नवंबर 2014

= १७४ =

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐 
साहिब जी की आत्मा, दीजे सुख संतोंष ।
दादू दूजा को नहीं, चौदह तीनों लोक ॥ 
दादू जब प्राण पिछाणै आपको, आत्म सब भाई ।
सिरजनहारा सबनि का, तासौं ल्यौ लाई ॥ 
आत्मराम विचार कर, घट घट देव दयाल ।
दादू सब संतोंषिये, सब जीवों प्रतिपाल ॥ 
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इस विश्व में प्राप्त करने के लिए कुछ भी नहीं है | तुम यहाँ देने आए हो |

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