शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

शूरा चढ़ संग्राम को

#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
शूरा चढ़ संग्राम को, पाछा पग क्यों देहि ?
साहिब लाजै भाजतां, धृग् जीवन दादू तेहि ॥ 
सेवक शूरा राम का, सोई कहेगा राम ।
दादू सूर सन्मुख रहै, नहिं कायर का काम ॥ 
कायर काम न आवही, यहु शूरे का खेत ।
तन मन सौंपै राम को, दादू शीश सहेत ॥ 
जब लग लालच जीव का, तब लग निर्भैय हुआ न जाइ ।
काया माया मन तजै, तब चौड़े रहै बजाइ ॥ 
दादू चौड़े में आनन्द है, नाम धर्या रणजीत ।
साहिब अपना कर लिया, अन्तरगत की प्रीति ॥ 
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स्वामी विवेकानन्द जन्म जयंति की सभी मित्रोको शुभकामनाये
सुप्रभात.....
आप सभी का दिन मंगलमय हो

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