🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏 *卐 सत्यराम सा 卐* 🙏🌷
🌷 *#श्रीदादूवाणी०प्रवचनपद्धति* 🌷
https://www.facebook.com/DADUVANI
साभार ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
.
*रेवती ग्राम प्रसंग*
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२९. उपदेश चेतावनी । त्रिताल
मैं मैं करत सबै जग जावै, अजहूँ अंध न चेते रे ।
यह दुनिया सब देख दिवानी, भूल गये हैं केते रे ॥टेक॥
मैं मेरे में भूल रहे रे, साजन सोइ विसारा ।
आया हीरा हाथ अमोलक, जन्म जुवा ज्यों हारा ॥१॥
लालच लोभैं लाग रहे रे, जानत मेरी मेरा ।
आपहि आप विचारत नाहीं, तूँ का को को तेरा ॥२॥
आवत हैं सब जाता दीसैं, इनमें तेरा नाहीं ।
इन सौं लाग जन्म जनि खोवै, शोधि देख सचु मांहीं ॥३॥
निहचल सौं मन मानैं मेरा, साँई सौं बन आई ।
दादू एक तुम्हारा साजन, जिन यहु भुरकी लाई ॥४॥
रेवती ग्राम के संतदास दादूजी को तिलाणेश से रेवती ग्राम में लाये थे । उन संतदासजी को ही रेवती ग्राम में उक्त २९ के पद से उपदेश किया था ।
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*रेवती ग्राम प्रसंग*
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२९. उपदेश चेतावनी । त्रिताल
मैं मैं करत सबै जग जावै, अजहूँ अंध न चेते रे ।
यह दुनिया सब देख दिवानी, भूल गये हैं केते रे ॥टेक॥
मैं मेरे में भूल रहे रे, साजन सोइ विसारा ।
आया हीरा हाथ अमोलक, जन्म जुवा ज्यों हारा ॥१॥
लालच लोभैं लाग रहे रे, जानत मेरी मेरा ।
आपहि आप विचारत नाहीं, तूँ का को को तेरा ॥२॥
आवत हैं सब जाता दीसैं, इनमें तेरा नाहीं ।
इन सौं लाग जन्म जनि खोवै, शोधि देख सचु मांहीं ॥३॥
निहचल सौं मन मानैं मेरा, साँई सौं बन आई ।
दादू एक तुम्हारा साजन, जिन यहु भुरकी लाई ॥४॥
रेवती ग्राम के संतदास दादूजी को तिलाणेश से रेवती ग्राम में लाये थे । उन संतदासजी को ही रेवती ग्राम में उक्त २९ के पद से उपदेश किया था ।
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