#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
दादू राम नाम निज औषधि, काटै कोटि विकार ।
विषम व्याधि थैं ऊबरै, काया कंचन सार ॥
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साभार : ''बुलंद - संस्कार'' (Buland-Sanskaar)
भगवान का नाम स्मरण भी अचूक औषधि है......
गुरुदेव रानाडे के जीवन की घटना है--
एक बार उनको टी बी की बीमारी हो गई. उन दिनों टी बी का कोई उपचार / इलाज नहीं था. डॉक्टर ने भी कह दिया कि अब ये नहीं बच सकते. रानाडे ने सोच - जब मरना ही है तो शान्ति से मरना चाहिए और वे एकांतवास पर चले गए.
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दिन में एक बार शुद्ध सात्विक भोजन करते और शेष समय भगवान का ध्यान आदि करते. इस तरह साल - डेढ़ साल बीत गया. अब वे स्वयं भी अपने को अच्छा महसूस करने लगे. वापस आये, डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने देखा - जांचा और पाया कि वे तो बिलकुल स्वस्थ हैं.
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टी बी बिलकुल ख़त्म. डॉक्टर ने पूछा - कौन सी औषधि ली ? क्या खाया ? क्या किया ? रानाडे ने कहा _ कुछ नहीं. बस मन को निर्मल / पवित्र रखते हुए भगवान का ध्यान करते रहे. और बिलकुल शाकाहारी भोजन ....इतना जिससे भूख का आभास ना हो ....
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भगवान का नाम स्मरण भी अचूक औषधि है. जिसका उदाहरण मैं तुम्हारे सामने खड़ा हूँ ...उसी सुमिरन में जो शब्द उच्चारित हुए वो शब्द मेरे लिए औषधि बन गए ,,, आप सब भी अपने जीवन नाम सुमिरण की औषधि को अपनाइए और कीजिये अपने ,,,,बुलंद-संस्कार,,,जय श्री राम

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