गुरुवार, 5 फ़रवरी 2015

#daduji 
जहाँ आत्म तहाँ राम है, सकल रह्या भरपूर ।
अंतरगति ल्यौ लाइ रहु, दादू सेवक सूर ॥
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@सागर बंदरकर ~
धार्मिक आदमी वह नहीं है, जो मंदिर जाता है।
धार्मिक आदमी वह है, वो जहां होता है, वहीं मंदिर होता है।

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