#daduji
卐 सत्यराम सा 卐
कायर काम न आवही, यहु शूरे का खेत ।
तन मन सौंपै राम को, दादू शीश सहेत ॥
जब लग लालच जीव का,
तब लग निर्भैय हुआ न जाइ ।
काया माया मन तजै, तब चौड़े रहै बजाइ ॥
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Samarpan Trivedi ~
वीरता की परीक्षा के लिए सदा युद्ध के मैदान ही सजें, यह जरूरी नहीं ! अकेले बैठे हुए भी मन की इच्छाओं और वासनाओं की भीषण लहरों के सामने चट्टान की तरह अडिग रहने वाला, कभी न झुकने वाला हर काल में वीर है, वही विजेता है।
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Valor need not be tested in battlefields always. One that stands mighty tides of desires and lust, that remains unperturbed like a gigantic rock is true warrior. He is invincible in all times...
- Agniveer

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