卐 सत्यराम सा 卐
साहिब को सुमिरै नहीं, बहुत उठावै भार ।
दादू करणी काल की, सब परलै संसार ॥
सूता काल जगाइ कर, सब पैसैं मुख मांहि ।
दादू अचरज देखिया, कोई चेतै नांहि ॥
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साभार ~ Brajendra Seth ~
यक्ष ने प्रश्न किया – मनुष्य का साथ कौन देता है ?
युधिष्ठिर ने कहा – धैर्य ही मनुष्य का साथ देता है.
यक्ष – यशलाभ का एकमात्र उपाय क्या है ?
युधिष्ठिर – दान.
यक्ष – हवा से तेज कौन चलता है ?
युधिष्ठिर – मन.
यक्ष – विदेश जानेवाले का साथी कौन होता है ?
युधिष्ठिर – विद्या.
यक्ष – किसे त्याग कर मनुष्य प्रिय हो जाता है ?
युधिष्ठिर – अहम् भाव से उत्पन्न गर्व के छूट जाने पर.
यक्ष – किस चीज़ के खो जाने पर दुःख नहीं होता ?
युधिष्ठिर – क्रोध.
यक्ष – किस चीज़ को गंवाकर मनुष्य धनी बनता है ?
युधिष्ठिर – लोभ.
यक्ष – ब्राम्हण होना किस बात पर निर्भर है ? जन्म पर, विद्या पर, या शीतल स्वभाव पर ?
युधिष्ठिर – शीतल स्वभाव पर.
यक्ष – कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है ?
युधिष्ठिर – अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है.
यक्ष – सर्वोत्तम लाभ क्या है ?
युधिष्ठिर – आरोग्य.
यक्ष – धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
युधिष्ठिर – दया.
यक्ष – कैसे व्यक्ति के साथ की गयी मित्रता पुरानी नहीं पड़ती ?
युधिष्ठिर – सज्जनों के साथ की गयी मित्रता कभी पुरानी नहीं पड़ती.
यक्ष – इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
युधिष्ठिर – रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं फिर भी सभी को अनंतकाल तक जीते रहने की इच्छा होती है. इससे बड़ा आश्चर्य और क्या हो सकता है ?
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