🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
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*सर्वांगयोगप्रदीपिका१(ग्रन्थ२) ~ प्रथम उपदेश*
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*हठयोगवर्णन*
*दुतिय कठहि अरु राज पुनि, लक्ष सहित अष्टंग ॥*
*आगै कहि हौं बहुत बिधि, चारि हु के जु प्रसंग ॥९॥*
दूसरे योग के चार भेद ये हैं-१.हठयोग, २.राजयोग, ३.लक्ष्ययोग तथा ४.अष्टांगयोग । इन चारों योगों का आगे इस ग्रन्थ में यथाप्रसंग सविस्तर वर्णन होगा ॥९॥
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*सांख्ययोगवर्णन*
*त्रितिये सांख्यसु ज्ञान सुनि, ब्रह्मयोग अद्वीत ॥*
*ये चार्यौं जौ जानियहि, मिटै सकल भयभीत ॥१०॥*
तृतीय सांख्ययोग के इस ग्रन्थमें चार भेद यों बताये गये हैं- १.सांख्ययोग, २.ज्ञानयोग, ३.ब्रह्मयोग, तथा ४.अद्वैतयोग । इन योगों के सम्यग्ज्ञान से योगी के सभी प्रकार के आध्यात्मिक, आधिदैविक, आधिभौतिक भय(ताप) मिट जाते हैं ॥१०॥
(क्रमशः)
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