सोमवार, 26 जून 2017

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卐 सत्यराम सा 卐
*माया मगहर खेत खर, सद्गति कदे न होइ ।*
*जे बंचे ते देवता, राम सरीखे सोइ ॥* 
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साभार ~ Mahant Ramgopal Das Tapasvi
##### गोरखवाणी #######
चेता रे चेतिबा आपा न रेतिबा, पंच की मेटिबा आसा ।
बदंत गोरष सति से सूरिवां, उनमनि मन मैं बासा ॥११४॥
चेत रे नर चेत ! पांच तत्वों से बनी इस भोतिक देह के विषयों के आकर्षण में पङकर अपनी आत्मा की अवहेलना मत कर । गोरखनाथजी कहते है - वीर भाव के साथ मोह पाशों को काटकर साधना करते हुए उन्मनी अवसथा में नित्यावास करलो ।
###### सत्यराम सा
****संस्कार बिन्दु के सौज्यन्स से साँभर लेक जयपुर****

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