🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
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*= गुरुसम्प्रदाय(ग्रन्थ १०) =*
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*तिन कौ गुरु है सुख कौ सागर ।*
*नाम अक्षयानन्द उजागर ।*
*अक्षय ज्ञान सुनायौ जाकौ ।*
*अक्षय रूप कियौ ता ताकौ ॥४३॥
उनके भी गुरु का प्रसिद्ध नाम था श्री अक्षयानन्द । वे अक्षय सुख के सागर थे । उन्होंने जिसको भी स्वानुभूत अक्षय ज्ञान का उपदेश दे दिया उसी का रूप(देह) अक्षय हो गया ॥४३॥
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*तिन कौ गुरु सब ऊपर छाजै ।*
*नाम अच्युतानन्द विराजै ।*
*अच्युत सदा रहै सुनि भाई ।*
*च्युत सब और जगत ह्वै जाई ॥४४॥*
उनके गुरु थे अच्युतानन्द जी महराज । वे प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ थे । वे सहज समाधि से कभी डिगते नहीं थे । यद्यपि जगत् के दुष्ट प्राणी उनकी साधना से च्युत करने में कोई कसर नहीं रखते थे, फिर भी वे उनकी साधना में विघ्न डालने में सफल नहीं हो पाते थे ॥४४॥
(क्रमशः)
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