मंगलवार, 15 अगस्त 2017

= साँच का अंग =(१३/२८-३०)

#daduji


卐 सत्यराम सा 卐
*श्री दादू अनुभव वाणी* 
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*साँच का अंग १३*
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*साच(मुसलमान के लक्षण)*
मुसलमान जो राखे मान, सांई का माने फरमान ।
सारों को सुखदाई होइ, मुसलमान कर जानों सोइ ॥ २८ ॥ 
२८ - ३१ में मुसलमान के लक्षण कहते हैं - जो ईमान रखता है, ईश्वर की आज्ञा मानता है, सन्मान आदि द्वारा सबको सुख देता है, उसी को हम मुसलमान जानते हैं । 
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दादू मुसलमान महर गह रहे, 
सबको सुख किस ही न दहै । 
मुवा न खाइ, जीवत नहिं मारे, 
करे बँदगी राह संवारे ॥ २९ ॥ 
जो दया धारण करे, सबको सुख दे, कटु बचनादि से किसी का भी हृदय नहीं जलावे, मुरदे को खाये नहीं, जीवित को मारे नहीं, भगवान् की भक्ति करके मुक्ति का मार्ग ठीक करे, वही सच्चा मुसलमान है । 
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सो मोमिन१ मन में कर जान, सत्य सबूरी२ वैसे आन । 
चाले सांच संवारे बाट, तिनको खुले बहिश्त३ के पाट ॥ ३० ॥ 
जिनके हृदय में सत्य और सँतोष२ आकर बैठे हैं - जो सत्य मार्ग को ठीक करके उसमें चलते हैं, वे ही सच्चे ईमानदार१ मुसलमान हैं । उसके लिए ही स्वर्ग३ द्वार के कपाट खुले रहते हैं ।
(क्रमशः)

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