मंगलवार, 22 अगस्त 2017

= ५ =


卐 सत्यराम सा 卐
*खंड खंड कर ब्रह्म को, पख पख लीया बाँट ।*
*दादू पूरण ब्रह्म तज, बँधे भरम की गाँठ ॥* 
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साभार ~ Krishnacharandas Aurobindo
God made an error to enter in human life for.... 
for Him nothing is wrong if it ends well.
भगवान ने हमारी गलतियों को हमारे जीवन में प्रवेश का द्वार बनाया.... क्योंकि जहाँ भगवान ही समस्त ब्रह्माण्ड... उसके समस्त सुक्ष्म/स्थूल जीव.... अमीबा से लेकर डायनोसार... मनुष्य से लेकर असुर/राक्षस/पिशाच.... सब कुछ वही बने हैं....!!!! कहीं से भी कुछ उधार नहीं लिया.... सबका उपादान(सबस्ट्न्स) भगवान/पारब्रह्म परमेश्वर ही हैं....!!!! सत्य /असत्य.... प्रकाश/अँधेरा... सुख/दुःख... सभी द्वन्द्व भगवान स्वयम् बने और उनको इसमें कोई परेशानी नहीं.... क्योंकि वे सभी द्वन्द्वों से परे हैं....!!!!! 
In the sweep of the worlds, in the surge of the ages, 
Ineffable, mighty, majestic and pure, 
Beyond the last pinnacle seized by the thinker 
He is throned in His seats that for ever endure. - Sri Aurobindo.
यह संसार भगवान के द्वारा रची गयी एक लीला /नाट्य है.... सभी को भूमिका दी है....सत्य/असत्य के किरदार में सभी जीव अलट-पलट के भाग ले रहे... कभी सत्य के साथ और कभी असत्य के साथ हम खड़े होते हैं। अपने असत्य को पहचानो... सत्य का साथ दो... सत्य ही परमात्मा को प्राप्त करने का रास्ता है। सत्येन लभ्यस्तपसा ह्येष आत्मा.... बस सत्य का अभिमान कर असत्य के किरदार में जो दूसरे हैं उनसे घृणा न करो। गौरक्षा करो... उसके लिये कसाईयों को मारो... लेकिन भगवान की तरह... बिना घृणा किये.... उस मुल्ले के शरीर में बंदिस्त भगवान के अंश को उसके अगली यात्रा में बिदा करो...!!!! 
He slays without stint and is full of compassion; 
He wars for the world and its ultimate years. 
सभी में भगवान को देखो.... शैतान में भी... लेकिन उसे मारो.... क्योंकि वही उसके अंदर के भगवान की पूजा है.... वही धर्मयुक्त भी है।

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