गुरुवार, 26 अक्टूबर 2017

= नाम-अष्टक(ग्रन्थ २०-७) =

🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
https://www.facebook.com/DADUVANI
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*= नाम-अष्टक(ग्रन्थ २०) =*
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*बुद्धि मैं चित्त मैं, पिंड मैं प्राण मैं ।*
*स्रोत्र मैं बैन मैं, नैन मैं घ्राण मैं ॥*
*हाथ मैं पाव मैं, सीस मैं सोहने ।*
*मोहने मोहने, मोहने मोहने ॥७॥*
इसी प्रकार हे मोहन ! प्राणियों की बुद्धि में, चित्त में, देह में, प्राण में तथा कान, नाक आँख, मुख, हाथ-पैर, सिर(मन = मष्तिक) आदि इन्द्रियों में शक्ति रूप से आप ही शोभित हो रहे हैं ॥७॥
(क्रमशः)

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