🌷🙏🇮🇳 *#daduji* 🇮🇳🙏🌷
🙏 *श्री दादूदयालवे नमः ॥* 🙏
🌷 *#श्रीसुन्दर०ग्रंथावली* 🌷
रचियता ~ *स्वामी सुन्दरदासजी महाराज*
संपादक, संशोधक तथा अनुवादक ~ स्वामी द्वारिकादासशास्त्री
साभार ~ श्री दादूदयालु शोध संस्थान,
अध्यक्ष ~ गुरुवर्य महमंडलेश्वर संत श्री १०८ स्वामी क्षमारामजी महाराज
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*= सहजानन्द(ग्रन्थ २७) =*
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*एकादशी न ब्रत हिं बिचारौं ।*
*रौजा धरौं न बंग पुकारौं ।*
*देब पितर नहिं पीर मनाऊं ।*
*धरती गड़ौं न देह जलाऊं ॥५॥*
न मैं हिन्दू का एकादशीव्रत करता हूँ, मुसलामानों का रोजा व्रत रख कर भगवान् को पुकारता(बांग लगाता) हूँ । न मैं देवता, पितर, पीर की मनौती माँनता हूँ, न हिन्दूपद्धति(मुर्दा जलाना) या मुस्लिमपद्धति(मुर्दा गाड़ना) पर विशवास है ॥५॥
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*= दोहा =*
*हिन्दू की हदि छाडिकै,*
*ताजी तुरक की राह ।*
*सुन्दर सहजै चीन्हियां,*
*एकै राम अलाह ॥६॥*
मैंने ‘हिन्दू’ की उपासनापद्धिति छोड़ दिया है, मुस्लिमपद्धिति भी मेरे लिये महत्व नहीं रखती । इन दोनों ही पद्धितियों को छोड़कर गुरु की कृपा से मैंने उस एक सहजानन्द स्वरूप अभेदात्मक ब्रह्म को पा लिया है, जिसको हिन्दू ‘राम’ कहते हैं, मुसलमान ‘अल्लाह’ कहते हैं ॥६॥
(क्रमशः)
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