गुरुवार, 14 मार्च 2019

= विनती का अँग(३४ - ९) =

#daduji

॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी* 
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥ 
*विनती का अँग ३४*
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गुनहगार१ अपराधी तेरा, भाज कहां हम जाँहिं । 
दादू देख्या शोध सब, तुम बिन कहिं न समाहिं ॥९॥ 
प्रभो ! हम पापी१ होने से आपके अपराधी हैं, किन्तु अब आप से डर कर भागें तो जावें कहां ? कारण, आप सर्वव्यापक हैं, जहां हम जायेंगे वहां ही आप आगे मिलेंगे । अत: हमने तो सब प्रकार का विचार करके देख लिया है - आपके बिना हमारा आश्रय अन्य कोई नहीं हो सकता ।
(क्रमशः)

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