#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी*
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*विनती का अँग ३४*
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सबल साल मन में रहे, राम बिसर क्यों जाइ ।
यहु दुख दादू क्यों सहै, सांई करो सहाइ ॥१६॥
हे भगवन् ! मेरे मन में यह महान् दु:ख बना रहता है कि - इन कामादि विकारों के कारण, मैं किसी प्रकार राम को न भूल जाऊं । क्योंकि आपके विस्मरण से होने वाले खेद को मैं कैसे सह सकूँगा ? अत: मेरे कामादि विकारों को नष्ट करके मेरी सहायता करें ।
(क्रमशः)
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