#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी*
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
.
*विनती का अँग ३४*
.
दादू अंतर कालिमा, हिरदै बहुत विकार ।
परकट पूरा दूर कर, दादू करे पुकार ॥१४॥
प्रभो ! मेरे हृदय में पाप और काम क्रोधादिक बहुत विकार स्थित हैं । अत: मेरी यही प्रार्थना है - आप मेरे हृदय में पूर्ण रूप से प्रकट होकर सब विकारों को दूर करें ।
(क्रमशः)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें