मंगलवार, 12 मार्च 2019

= १७७ =

🌷🙏🇮🇳 #daduji 🇮🇳🙏🌷
🌷🙏🇮🇳 卐 सत्यराम सा 卐 🇮🇳🙏🌷
*छाया माया रहै विवर्जित, पिंड ब्रह्माण्ड नियारे ।*
*चंद सूर तैं अगम अगोचर, सो कह तत्त्व विचारे ॥*
*(श्री दादूवाणी ~ पद्यांश. २०९)*
==============================

साधारणत: समझाया गया है कि जब वासना चली जायेगी, तब ब्रह्म मिलेगा। नहीं, बात थोड़ी उल्टी हो गयी। जब ब्रह्म मिल जाता है, तो ही वासना जाती है। बैलगाड़ी में बैल पीछे बांध दिये, गाड़ी के पीछे बैल बांध दिये। वासना तो तब तक रहेगी जब तक अहं है।
.
रूप बदल ले, नये रास्ते पकड़ ले, यहां तक भी हो सकता है कि ब्रह्म को जानने की वासना बन जाये कि मैं ब्रह्म को जानूं कि मैं मोक्ष को पाऊं—मगर यह भी वासना है। धन पाऊं—वासना। ध्यान पाऊं—वासना। संसार मिल जाये, मेरी मुट्ठी में हो—वासना। परमात्मा मिल जाये, मेरी मुट्ठी में हो—वासना। इस जीवन में सुख मिले —वासना। परलोक में सुख मिले, बहिश्त में, स्वर्ग में—वासना।
.
वासना नये रूप ले सकती है, नये आयाम ले सकती है, नयी दिशाएं पकड़ सकती है, नये विषयों पर आधारित हो सकती है। मिटेगी नहीं। जब तक 'मैं' है वासना रहेगी। क्योंकि 'मैं' की मौजूदगी में वासना की तरंगें उठती हैं। अहं की मौजूदगी वासनाओं की तरंगों के लिए स्रोत है।
.
जब अहं खो जाता है तभी वासना खोती है।
एक ही उपाय से खो सकते हैं अहं और वह यह है कि मौन हो कर, यह भीतर कौन विराजमान है इसको आंख में आंख डाल कर देखने लगें।
जिन्होंने कहा है, वासना को पहले खोओ, उन्होंने झंझट में डाल दिया; उन्होंने जीवन में नयी वासनाओं को जन्म दे दिया—धार्मिक वासनाएं।वासना नहीं खो सकते, लेकिन खो सकते हैं। और विचार को खो दिया तो जानेंगे कि मैं कहां, मैं कौन; वही है।
.
जब वही है तो फिर वासना के लिए कोई कारण नहीं रह गया। जब मैं ही नहीं तो बांस मिट गया, अब बांसुरी नहीं बज सकती। बांस ही न बचा तो बांसुरी कैसी?
.
वासना तो छाया है; जैसे रास्ते पर चलते हैं और छाया बनती है। जा कर बैठ गये शांत, वृक्ष के नीचे, धूप में नहीं चलते, छाया बननी बंद हो गयी। जिस दिन अहंकार शांत हो कर बैठ जाता है, बैठते ही गिर जाता है, क्योंकि अहंकार दौड़ने में ही जीता है; बैठने में कभी जीता नहीं। अहंकार महत्वाकांक्षा में जीता है, भाग—दौड़, आपाधापी में जीता है, ज्वर में जीता है। अहंकार शांत बैठने में तो बिखर जाता है। बैठ गये शांत छाया में, मौन हो गये, विचार न रहे, वासना भी गई।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें