गुरुवार, 4 अप्रैल 2019

= सुन्दर पदावली(१८. राग रामगरी - ५/१) =

#daduji

॥ श्री दादूदयालवे नमः ॥ 
स्वामी सुन्दरदासजी महाराज कृत - *सुन्दर पदावली* 
साभार ~ महंत बजरंगदास शास्त्री जी, 
पूर्व प्राचार्य ~ श्री दादू आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(जयपुर) व राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय(चिराणा, झुंझुनूं, राजस्थान) 
.
*नटवट रच्यौ नटवै एक ।* 
*बहु प्रकार बनाइ बाजी किये रूप अनेक ॥(टेक)* 
*चारि षानी जीव तिनकी और औरैं जाति ।* 
*एक एक समान नांहीं करी ऐसी भांति ॥१॥* 
उन नटवर प्रभु ने एक विशेष अभिनेता की रचना की । विविध उपायों द्वारा अपने अनेक रूप रचे ॥टेक॥ चारों दिशाओं में विभिन्न जातियों के प्राणी हैं । उनमें कोई भी एक दूसरे के तुल्य नहीं है ॥१॥
(क्रमशः)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें