#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी*
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*विनती का अँग ३४*
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सांई सँशय दूर कर, कर शँका का नाश ।
भान२ भ्रम२ दूविध्या दुख दारुण, समता सहज प्रकाश ॥२३॥
स्वामिन् ! हमारे मन के प्रमाणगत और प्रमेयगत सब सँशय दूर करें, अज्ञान२ और दुविधा रूप भयँकर दु:खों को नाश२ करके जन्मादिक भय अपहरण करें । तथा साम्य दृष्टि प्रदान कर हमारे अन्त:करण में अपने सहज निर्विकार स्वरूप का प्रकाश कर दें ।
(क्रमशः)
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