गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

= विनती का अँग(३४ - ३०) =

#daduji

॥ दादूराम सत्यराम ॥ 
*श्री दादू अनुभव वाणी* 
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥ 
*विनती का अँग ३४* 
.
*सजीवन* 
फूटा फेरि संवार कर, ले पहुंचावे ओर१ । 
ऐसा कोई ना मिले, दादू गई बहोर२॥३०॥ 
३० - ३१ में सजीवन ब्रह्म के साक्षात्कार कराने वाले महापुरुष के मिलन की इच्छा प्रकट कर रहे हैं - ऐसा कोई सँत नहीं मिल रहा है - जो भगवान् से टूटे हुये हमारे प्रेम - सँबँध को अपने उपदेश द्वारा पुन: जोड़ करके हमारे आदि स्वरूप परब्रह्म के पास१ पहुंचा दे । इसी आशा में हमारी बहुत अवधि२ रूप आयु चली गई और फिर२ भी जा ही रही है ।
(क्रमशः)

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