#daduji
॥ दादूराम सत्यराम ॥
*श्री दादू अनुभव वाणी*
टीका ~ संतकवि कविरत्न स्वामी नारायणदास जी महाराज, पुष्कर, राजस्थान ॥
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*विनती का अँग ३४*
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*विनती*
सांई सत१, सँतोष दे, भाव२, भक्ति विश्वास ।
सिदक३, सबूरी४, सांच५ दे, मांगे दादू दास ॥२२क॥
दैवीगुण, भक्ति तथा स्वरूप प्राप्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं - हे परमेश्वर ! मैं आप से येही अष्टसिद्धियां मांगता हूं - मुझे आप अडिगता१, सँतोष, श्रद्धा२, अनन्य - भक्ति, दृढ़ विश्वास, सत्यता३, मिताहार - बुद्धि४ और अपने सत्य - स्वरूप५ स्वरूप के दर्शन दें ।
(क्रमशः)
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